
विराज, जैसे स्टैचू बन गया हो। सामने का सीन उसकी सांसें रोक रहा था। कियान और उर्मी की नज़दीकियां, वो पागलपन… उसकी आंखें वहीं जमी रह गईं। दिल के अंदर से एक अजीब सी जलन उठ रही थी, लेकिन साथ ही एक अजीब खिंचाव भी। मन कर रहा था कि बस… बीच में आकर उर्मी को अपनी बाहों में भर ले, और उनको ज्वाइन कर ले उर्मी को वैसा ही प्यार दे… लेकिन याद आ गया कि उसने उसे कितनी बार हर्ट किया है। वो दर्द, वो दूरी… सब उसके दिमाग में घूमने लगा।
वो एक कदम आगे बढ़ा, लेकिन जैसे कोई अदृश्य दीवार ने उसे रोक लिया। उसने अपनी नज़र फेर ली और धीमी आवाज़ में कहा "मैं… बाहर हूं।"

Show your support
Write a comment ...