
उर्मी उसकी आवाज सुनकर और भी मदहोश सी होने लगती है। उसकी सांसें तेज़ चल रही थीं, फिर भी वो धीरे से बोलती है। “ये… ये तुम क्या कर रहे हो कियान? अभी हमें कियारा को लेने जाना है… और आरुष, आरुषि भी तो तुम्हें मिलना है ना…”
कियान हँसते हुए उसके और करीब आता है। उसकी आवाज़ अब और भी गहरी हो जाती है। उसका एक हाथ उसकी खुली कमर पर था। ओर दूसरा उसके गर्दन में
“Of course sweetheart… मुझे अपने आरुष से मिलना ही है, कहानी को भी आरुषि से मिलवाना है। सब अरेंजमेंट मैंने कर लिया है। मॉम-डैड कहानी को यहीं लेकर आने वाले हैं… और जब आरुष स्कूल से आएगा तो सब कुछ पता चल जाएगा। लेकिन उससे पहले…”



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